आज असम बंद का ऐलान किया गया है.

बंद का ऐलान करते हुए सोमवार को कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के नेता अखिल गोगोई ने इस मामले पर कहा कि असम जातियतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) और अन्य 40 संगठनों ने बंद के लिए हाथ मिलाया है.

असम बंद के आह्वान पर गोगोई ने कहा, “भाजपा सरकार असम की जाति, माटी और भेटी की रक्षा का वादा कर यहां सत्ता में आई थी. लेकिन यह अपने वादे से मुकर गई और स्थानीय समुदायों के खिलाफ एक साजिश रच रही है.” गोगोई ने कहा, “असम की बीजेपी सरकार संविधान संशोधन विधेयक के जरिए हिंदू बंगालियों को नागरिकता देना चाहती है. मेघालय में मंत्रिमंडल ने विधेयक का विरोध करने का निर्णय पहले ही ले लिया है, जहां भाजपा भी सरकार का हिस्सा है.

उन्होंने कहा, “हमने पूरी ताकत के साथ विधेयक का विरोध करने का निर्णय लिया है, क्योंकि यह असम में स्थानीय समुदायों को प्रभावित करेगा.” गोगोई ने असम सरकार से यह मांग भी की कि वह हिंदू बंगालियों के एक संगठन द्वारा नागरिकता विधेयक के समर्थन में 17 नवंबर को प्रस्तावित एक सम्मेलन को रोके.

उन्होंने चेताया कि यदि हिंदू बंगालियों को सम्मेलन आयोजित करने की अनुमति दी गई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. उन्होंने कहा, “हिंदू बंगाली संगठनों को आरएसएस का समर्थन प्राप्त है और वे असम में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करना चाहते हैं. हम मांग करते हैं कि सरकार सम्मेलन को रोके.”